मैं यहाँ हूँ
जीवन सितार से तार-सा बंधा
समय की उंगलियाँ छेड़ती हैं
दर्द होता है
कांपता हूँ देर तक
पर मज़ा आता है.
जितना तुम कसते जाते हो
और मीठा होता जाता है
मेरा राग
टूट जाऊंगा एक झंकार के साथ
दर्द होता है
कांपता हूँ देर तक
पर मज़ा आता है.