21 मार्च 2012
हूँ
जी हाँ
हूँ
धूलि-धूसरित
पराजित
खुद से ही ठुकराया गया
भटका हुआ
अटका हुआ
सिगरेट का धुआँ
अनछुआ
आक्रांत
किसी गिनती में नहीं
अनगिनत
मजबूर
मशहूर
अपनों से दूर
हालात का मारा बेचारा बेऔक़ात नीची जात
तरसता
त्रस्त
ग्रस्त
अपनी नाकामियों में मस्त अस्त-व्यस्त लस्त-पस्त
बेरोजगार
सोगवार
भूला हुआ कलाकार
रास्ता इनायतों का तकता
टूट गया
एंग्री यंग मैन का तख़्ता
नहीं हूँ कहता हर बशर
दिलाता याद कि हूँ
खुद को समझने समझाने आत्म पर ही किया प्रहार
नहीं होता रे चमत्कार
इस बार भी नहीं तेरी बार
रोया बार-बार करे तू बेशक ज़ार-ज़ार
बेकार
पर भाई मेरे हिम्मत मत हार कर पार कीचड़ ‘औ गार बनी टपकने से गीदड़ों की लार
अपने कांधे पे उठा अपना भार
चल यार
बोल
पराजित
खुद से ही ठुकराया गया
भटका हुआ
अटका हुआ
सिगरेट का धुआँ
अनछुआ
आक्रांत
किसी गिनती में नहीं
अनगिनत
मजबूर
मशहूर
अपनों से दूर
हालात का मारा बेचारा बेऔक़ात नीची जात
तरसता
त्रस्त
ग्रस्त
अपनी नाकामियों में मस्त अस्त-व्यस्त लस्त-पस्त
बेरोजगार
सोगवार
भूला हुआ कलाकार
रास्ता इनायतों का तकता
टूट गया
एंग्री यंग मैन का तख़्ता
नहीं हूँ कहता हर बशर
दिलाता याद कि हूँ
खुद को समझने समझाने आत्म पर ही किया प्रहार
नहीं होता रे चमत्कार
इस बार भी नहीं तेरी बार
रोया बार-बार करे तू बेशक ज़ार-ज़ार
बेकार
पर भाई मेरे हिम्मत मत हार कर पार कीचड़ ‘औ गार बनी टपकने से गीदड़ों की लार
अपने कांधे पे उठा अपना भार
चल यार
बोल
कि हूँ
कि तेरे होने पे मुंतज़िर है एक पूरी दुनिया
तेरे होने पे चलता है किसी का कारोबार
चलता है किसी का शासन
कोई जमा के तुझी पे बैठा है आसन
कोई किसी न किसी वजह से तुझसे जलता है
तेरे होने पे वो है जो तेरे न होने पे नहीं होता
तेरे होने पे चलता है किसी का कारोबार
चलता है किसी का शासन
कोई जमा के तुझी पे बैठा है आसन
कोई किसी न किसी वजह से तुझसे जलता है
तेरे होने पे वो है जो तेरे न होने पे नहीं होता
तो बोल कि हूँ
जब तक हूँ
हूँ