ज़ाहिर है
जो मुझ पर ज़ाहिर हुआ है या जिसका मुझसे कुछ भी वास्ता है
गुरुवार, 27 सितंबर 2018
ज़िंदगी इतनी भागदौड़ भरी है, कि एक क्षण रुककर
सुंदरता को घूरने का समय ही नहीं मिलता।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें