15 जनवरी 2020
हवाई जहाज़ में दाखिल होने पर
एयरहोस्टेस या होस्ट स्वागत के लिए खड़े रहते हैं। और कामों के अलावा यह भी इनका रोज़मर्रा का काम होता है।
यात्राओं में साथ रहकर, यात्रा की थकन के बावजूद इन्हें फ्रेशम्-फ्रेश दिखना होता है और चेहरे पर मुस्कान चस्पा यूं रखनी होती है मानों अभी-अभी स्पा से आए हों।
लेकिन साहब रोज़म-रोज़ एक जैसा काम करके बोरियत अगर नहीं भी आए तो भी मशीनीकरण तो हो ही जाता है बंदे का।
एयर इंडिया में ख़ास तौर पर
और दीगर एयरलाइनों में आमतौर पर नमस्ते करने के लिए खड़े यह व्यक्ति कुछ यूँ नमस्ते करते हैं गोया ट्रेडमिल पर ख़ासम-ख़ास पीसेज़ की पहचान कर रहे हों।
यात्री अभी जहाज़ की देहरी से कुछ ही फ़ासले पर होता है कि यह अँदाज़ा लगा लेते हैं कि इसे नमस्ते मारनी है कि नहीं।
यदि नहीं, तो इधर-उधर मुँह घुमाकर बिज़ी हो जाते हैं और अगले शिकार को ताड़ने लगते हैं।
यदि आप इनके नमस्ते-प्रहार से बच गए हैं तो इसका मतलब है आप भाषा में न सही, भेस में भी न सही, पर दिखने में भदेस हैं।
इस प्रकार एनआरसी के इस सैंपल टेस्ट में ख़ुद को पास समझिए।
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