जो मुझ पर ज़ाहिर हुआ है या जिसका मुझसे कुछ भी वास्ता है
सच तो यह है कि मैं टूटा हुआ हूँ। अपने ही हाथों से छूटा हुआ हूँ।किस्मत से अपनी ख़ुद रूठा हुआ हूँ। अपने ही सच से लड़ता हुआ झूठा हुआ हूँ।
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