चाहे कहीं के भी राजा का रोल करें लेकिन डायलाग बोलेंगे
पंजाबी वाली हिंदी में ही, जिसे बोलते-बोलते दारा सिंह अपने नवजात शिशु (जो आगे चलकर मीताब-अच्चन बनेगा) की छाती
पर उसका नाम लिखते हैं – मर्द। यह सीन देखकर ऐसी सिहरन-सी मन में दौड़ गई कि सर्दी
की ठिठुरन ग़ायब हो गई अपने-आप।
जब-कहो-तब-रो-पड़ने-को-तैयार
चेहरा लिये जब निरूपा रोये अपने बच्चे को ना पाकर रोती है और उसकी आवाज़ भी चली
जाती है, तब इस सीन को देखकर रोकते-न-रोकते मेरे एक बाल्टी गरम-गरम आंसू भी निकल पड़े। निरूपा रोये का रोना और मनमोहन देसाई का फ्लिम
बनाना आज भी सफल रहा।
उसके बाद
जो घोड़े ने कमाल दिखाया बच्चे को अनाथ आश्रम जा पहुँचाया, उसे देखकर तो शरीर में 200 वोल्ट का
करंट ही दौड़ गया (इसी घोड़े पर दारा सिंह जैसे उछलकर बैठता है, देखना बड़ा होकर
मीताब-अच्चन भी वैसे सवार होगा। मुझे पता है क्योंकि ये फ्लिम मैंने, पिछले नौ दिन
में तीन बार देखी है)।
येई मीताब-अच्चन
जब अपने पापा वाला ही डायलाग बोलता है – ‘पीठ पर
वार करोगे तो सीने पर खाओगे’, तो
सुनकर मेरी रगों में ख़ून का दौरा और तेज़ हो गया, गर्मी बढ़ गई।
फिर जब कमीनेपन की चिकनाई से चमकता
चेहरा लिये प्रेम चोपड़ा डैलाग बोलता है कि – हमारा आधा ख़ून पानी है और आधा
इंग्लिस्तानी है – तो इस डैलाग को सुनकर गुस्से के मारे मेरे शरीर में गर्मी का दौरा चढ़ गया और जी चाहा कि गला
ही घोंट ना दूँ इसका!!!
फ्लिम चल रई थी और मेरा नहाना भी। तभी
अचानक ठंडा पानी ठंडा लगने लगा, इतना कि सूईयों की तरह चुभने लगा। देखा कि मूए
यूट्यूब ने फ्लिम रोककर ऐड चला दी है।
साबुन लगे हाथों से मोबाइल में स्किप
का बटन बड़ी मुश्किल से दबा और मैं फिसलते-फिसलते भी बचा।
जब अमृता सिंह की एन्ट्री हुई तो रोमांटिक
गर्मी से बाकी बचा स्नान सम्पूरन किया।
लगता है यूट्यूब प्रीमियम लेना ही
पड़ेगा। गीज़र से तो सस्ता ही पड़ेगा।
क्या कहते हैं आप?
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