ज़ाहिर है
जो मुझ पर ज़ाहिर हुआ है या जिसका मुझसे कुछ भी वास्ता है
सोमवार, 7 फ़रवरी 2011
मुख-पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ
फ्रेंड भया न कोय
एक्चुअल बही खाता पढ़ो
फेस देख भय होए
बातें उसकी भा जाए यही आज का ट्रेंड
फेसबुक पर आ जाए तभी हमारा फ्रेंड
फ्रेंड ऐसा चाहिए जो मिलकर पढे यह बुक
ए चलती क्या खंडाला बात करे दो टूक
1 टिप्पणी:
Amir Khusro
3 मई 2011 को 12:23 am बजे
Achhi hain !
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