ज़ाहिर है
जो मुझ पर ज़ाहिर हुआ है या जिसका मुझसे कुछ भी वास्ता है
बुधवार, 31 जुलाई 2013
वो ख़ुशी मिली के बस
अपने ख़ाली पर्स में जब
मुझे दस का नोट दिखा।
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