जो मुझ पर ज़ाहिर हुआ है या जिसका मुझसे कुछ भी वास्ता है
धीरे-धीरे दुख
मुझमें पैठता जाता है
अकेले ही
पीने में ज़हर का प्याला
मज़ा आता है।
2 December 2017
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें