सोमवार, 7 फ़रवरी 2011


मुख-पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ
फ्रेंड भया न कोय

एक्चुअल बही खाता पढ़ो
फेस देख भय होए 

बातें उसकी भा जाए यही आज का ट्रेंड
फेसबुक पर आ जाए तभी हमारा फ्रेंड

फ्रेंड ऐसा चाहिए जो मिलकर पढे यह बुक
ए चलती क्या खंडाला बात करे दो टूक

शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011

उल्लू से गधे तक


गर विधाता ने हमको उल्लू न गढ़ा होता
तो हमने फेसबुक की जगह फेस पढ़ा होता
इन देट केस हमारा बेस बड़ा होता
टैलंट हमारा बेकार न सड़ा होता
कोई हमारे लिए भी खड़ा होता

हमसे तो अच्छा है रट्टू तोता
ओ जी रह ग्या मैं खोते का खोता