शनिवार, 3 मार्च 2012

बस काम किये जा
मर-मर के जिए जा
असल जाम होठों तक आ न पाए तो क्या
घूँट सब्र के पिए जा
तू क्या करेगा शायरी  
अबे जा...  

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