चलते हुए ट्रैफिक के बीच
20 जून 2025
आप इसे मेरी मजबूरी कह सकते हैं या दिल्ली में पड़ी आदत कह सकते हैं। इस मजबूरी या आदत का नाम है चलते ट्रैफिक के बीच से सड़क क्रॉस करना।
वाहनों को भी हमारी आदत है और हमें वाहनों की। हो सकता है किसी दिन सड़क पार करते हुए ही मारा जाऊं।
लेकिन दिल्ली में वाहन बिना कुछ कहे शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के उसूल के तहत बचते-बचाते निकल जाते हैं। गाली भी देते हो तो अपन को कौन सा पता चलता है उन्हें भी नहीं पता चलता होगा।
भोपाल में बस एक वेरिएशन मिला।
चलते ट्रैफिक के बीच मेरे पास से गुजरते एक स्कूटर वाले महोदय ने मुझसे एक हॉस्पिटल का रास्ता पूछ लिया - 'दादा फलाँ हॉस्पिटल क्या इधर को ही पड़ेगा?'
जी तो चाहा जड़ हो जाऊं। गूगल मैप खोलकर उसे रास्ता बताऊँ। भूल जाऊं ट्रैफिक को और सड़क पार करने को।
मगर वह सदैव ब्लिसफुल अवस्थित संभवत सर्वोदय से अंत्योदय की यात्रा में आगे निकल गया था।
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