गुरुवार, 14 अगस्त 2025

मित्र मुकेश मानस को लिखी गई नव वर्ष की शुभकामनाएँ


बहुत दिन बीते भाई तुमसे बात न कुछ हो पाई। जाने  क्या है तुम्हारा हाल अनिश्चित बीता यह सारा साल। हों ख़त्म सभी मलाल कहीं तो कुछ ठहराव आए।

सोचे कोई तुम्हारे भी सुख की, मन कहीं तुम्हारा भी लग पाए। 
नव वर्ष की शुभकामनाएं। 

27 December 2012

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