जो मुझ पर ज़ाहिर हुआ है या जिसका मुझसे कुछ भी वास्ता है
बहुत दिन बीते भाई तुमसे बात न कुछ हो पाई। जाने क्या है तुम्हारा हाल अनिश्चित बीता यह सारा साल। हों ख़त्म सभी मलाल कहीं तो कुछ ठहराव आए।
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