बुधवार, 2 दिसंबर 2020

 धीरे-धीरे दुख

मुझमें पैठता जाता है


अकेले ही

पीने में ज़हर का प्याला

मज़ा आता है।

2 December 2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें