गुरुवार, 3 दिसंबर 2020

मैं शक्ति की ओर नहीं


3 दिसंबर 2017


 शक्ति मेरी ओर नहीं है


आराधन में रह गया अभाव

न हो पाई मौलिक कल्पना


दरअसल युद्ध जैसा कुछ मैंने माना ही नहीं

जो भी था संघर्ष

थोपा गया था मुझपर 


राम नहीं था मैं

और मेरी सीता मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रही जीवन समर है


फिर क्योंकर करता मैं शक्ति की आराधना


वह शक्ति जो रावण के पास है

रहे

करे वह राज

काज मेरा केवल छोटा सा

जीवन सार्थक जीना


शक्ति आप केवल आराधन से होतीं प्रसन्न। चाहे रावण ही क्यों न हो आपका आराधक

तो क्षमा करें

आप चाहे किसी की भी ओर रहें


मैं आपकी ओर नहीं हूँ।


(राम की शक्ति पूजा पढ़ते हुए)

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